Thursday, 15 October 2015

पल पल दिल के पास तुम रहती हो

पल पल दिल के पास तुम रहती हो

जीवन मीठी प्यास ये कहती हो

हर शाम आँखोंपर, तेरा आँचल लहराये 

हर रात यादोंकी बारात ले आये

मैं सांस लेता हूँ, तेरी खुशबू आती है

एक महका महका सा पैगाम लाती है

मेरे दिलकी धड़कन भी तेरे गीत गाती है
कल तुझको देखा था, मैंने अपने आँगन में

जैसे कह रही थी तुम, मुझे बांध लो बंधन में

यह कैसा रिश्ता है, यह कैसे सपने हैं

बेगाने हो कर भी क्यों लगते अपने है

मैं सोच में रहता हूँ, डर डर के कहता हूँ

तुम सोचोगी क्यों इतना मैं तुमसे प्यार करू

तुम समझोगी दीवाना, मैं भी इकरार करू

दीवानोकी ये बातें, दीवाने जानते हैं

जलने में क्या मजा है, परवाने जानते हैं

तुम यूँ ही जलाते रहना आ आकर ख्वाबों में

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