Monday 23 November 2015

रोज़ा

रोज़ा जानेमन तू ही मेरा दिल
तुझ बिन तरसे नैना
दिलसे ना जाती है यादें तुम्हारी
कैसे तुम बिन जीना
आँखों में तू है
आँसू में तू है
आँखें बंद कर लूँ
तो मॅन में भी तू है
ख्वाबों में तू
साँसों में तू
रोज़ा

रोज़ा जानेमन तू ही मेरा दिल
तुझ बिन तरसे नैना

छूके यूँ चली हवा जैसे छ्छू गये हो तुम
फूल जो खिले थे वो शूल बन गये हैं क्यों
जी रहा हू इसलिए दिल में प्यार है तेरा
ज़ुल्म से रहा हू क्योंकि इंतेज़ार है तेरा
तुमसे मिले बिना जान भी ना जाएगी
कयामत से पहले सामने तू आएगी
कहाँ है तू
कैसी है तू
रोज़ा

रोज़ा जानेमन तू ही मेरा दिल
तुझ बिन तरसे नैना
आँखों में तू है
आँसू में तू है
आँखें बंद कर लू
तो मॅन में भी तू है
ख्वाबों में तू
साँसों में तू
रोज़ा

ठंडी ठंडी इ हवा तेरा काम क्या यहाँ
मीत नहीं पास में चाँदनी तू लौट जा
फूल क्यों खिलो हो तुम ज़ुलफ नहीं वो यहाँ
झुके झुके आसमान मेरी हँसी ना उड़ा
प्यार के बिना मेरी ज़िंदगी उदास है
कोई नहीं है मेरा सिर्फ़ तेरी आस है
ख्वाबों में तू
साँसों में तू
रोज़ा

रोज़ा जानेमन तू ही मेरा दिल
तुझ बिन तरसे नैना
आँखों में तू है
आँसू में तू है
आँखें बंद कर लून
तो मॅन में भी तू है
ख्वाबों में तू
साँसों में तू
रोज़ा

भारत हमको जान से प्यारा है सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है

भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे  न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है
भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है
सदियों से भारत भूमि दुनिया की शान है
भारत मया की रक्षा में जीवन कुर्बान है
भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है

उजड़े नहीं अपना चमन
टूटे नहीं अपना वतन
मंदिर यहाँ
मस्जिद यहाँ
हिंदू यहाँ
मुस्लिम यहाँ
मिलके रहें हम प्यार से
जागो

हिन्दुस्तानी नाम हमारा है
सबसे प्यारा देश हमारा है
जन्मभूमि है हमारी शान से कहेंगे हम
सब ही तो भाई भाई प्यार से रहेंगे हम
हिन्दुस्तानी नाम हमारा है
सबसे प्यारा देश हमारा है

असम से गुजरात तक
बंगाल से महाराष्ट्र  तक
जाती कई हम एक हैं
भाषा कई सुर एक है
कश्मीर से मद्रास तक
कह दो सभी हम एक हैं
आवाज़ दो हम एक हैं
जागो .
भारत हमको जान से प्यारा है
सबसे  न्यारा गुलिस्ताँ हमारा है

ये हसीन वादियाँ ये खुला आसमान

ये हसीन वादियाँ ये खुला आसमान
आ गये हम कहाँ आय मेरे साजना
इन बहारों में दिल की काली खिल गयी
मुझको तुम जो मिले हर खुशी मिल गयी

तेरे होंठों पे हैं हुस्न की बिजलियाँ
तेरे गालों पे हैं ज़ुलफ की बदलियाँ
तेरे बालों की खुश्बू से महके चमन
संगमरमर के जैसा ये तेरा बदन

मेरी जानेजाँ ये है तेरी चाँदनी
छेड़ दो तुम आज कोई प्यार की रागिनी
ये हसीन वादियाँ ये खुला आसमान
आ गये हम कहाँ आय मेरे साजना

ये बंधन है प्यार का देखो टूटे ना सजनी
ये जन्मों का साथ है देखो छूटे ना सजना
तेरे आँचल की छांवों के तले मेरी मंज़िल मुझे मिल गयी
तेरी पलकों की छावों के तले मोहब्बत मुझे मिल गयी

ये हसीन वादियाँ ये खुला आसमान
आ गये हम कहाँ आय मेरे साजना
इन बहारों में दिल की काली खिल गयी
मुझको तुम जो मिले हर खुशी मिल गयी
ये हसीन वादियाँ ये खुला आसमान
आ गये हम कहाँ आय मेरे साजना

जी करता है साजना दिल में तुमको बिता लू
आ मस्ती की रात में अपना तुमको बना लू
उठने लगे हैं तूफान क्या मेरे सीने में आय सनम
तुम्हें चाहूँगा दिलों जान से मेरी जानेजाँ तेरी कसम

ये हसीन वादियाँ ये खुला आसमान
आ गये हम कहाँ आय मेरे साजना
इन बहारों में दिल की काली खिल गयी
मुझको तुम जो मिले हर खुशी मिल गयी

मेरी जानेजाँ ये है तेरी चाँदनी
छेड़ दो तुम आज कोई प्यार की रागिनी
ये हसीन वादियाँ ये खुला आसमान
आ गये हम कहाँ आय मेरे साजना
ये हसीन वादियाँ ये खुला आसमान
आ गये हम कहाँ आय मेरे साजना
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Thursday 15 October 2015

अजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू कहाँ ख़तम

अजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरू कहाँ ख़तम
ये मंज़िले हैं कौनसी, न वो समझ सके न हम
ये रोशनी के साथ क्यों, धुआँ उठा चिराग से
ये ख्वाब देखती हूँ मैं के जग पडी हूँ ख्वाब से
मुबारके तुम्हे के तुम किसी के नूर हो गए
किसी के इतने पास हो के सब से दूर हो गए
किसी का प्यार लेके तुम नया जहां बसाओगे
ये शाम जब भी आयेगी, तुम हमको याद आओगे

मेहबूब मेरे, मेहबूब मेरे तू है तो दुनिया कितनी हसीं है

मेहबूब मेरे, मेहबूब मेरे

तू है तो दुनिया कितनी हसीं है


जो तू नहीं तो, कुछ भी नहीं है
तुम हो तो बढ़ जाती है कीमत मौसम की


ये जो तेरी आँखे हैं शोला शबनम सी

यही मरना भी है मुझको, मुझे जीना भी यही है
अरमां किसको जन्नत की रंगीन गलियों का

मुझको तेरा दामन है बिस्तर कलियों का

जहाँपर हैं तेरी बाहें, मेरी जन्नत भी वही है
रख दे मुझको तू अपना दीवाना कर के


नज़दीक आ जा फिर देखू तुझको जी भर के

मेरे जैसे होंगे लाखों, कोई भी तुझसा नहीं है

ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

ये रातें, ये मौसम, नदी का किनारा, ये चंचल हवा

कहा दो दिलों ने, के मिलकर कभी हम ना होंगे जुदा

ये क्या बात है, आज की चाँदनी में

के हम खो गये, प्यार की रागनी में

ये बाहों में बाहें, ये बहकी निगाहें

लो आने लगा जिंदगी का मज़ा
सितारों की महफ़िल नें कर के इशारा

कहा अब तो सारा, जहां है तुम्हारा

मोहब्बत जवां हो, खुला आसमां हो

करे कोई दिल आरजू और क्या
कसम है तुम्हे, तुम अगर मुझ से रूठे

रहे सांस जब तक ये बंधन ना टूटे

तुम्हे दिल दिया है, ये वादा किया है

सनम मैं तुम्हारी रहूंगी सदा

पल पल दिल के पास तुम रहती हो

पल पल दिल के पास तुम रहती हो

जीवन मीठी प्यास ये कहती हो

हर शाम आँखोंपर, तेरा आँचल लहराये 

हर रात यादोंकी बारात ले आये

मैं सांस लेता हूँ, तेरी खुशबू आती है

एक महका महका सा पैगाम लाती है

मेरे दिलकी धड़कन भी तेरे गीत गाती है
कल तुझको देखा था, मैंने अपने आँगन में

जैसे कह रही थी तुम, मुझे बांध लो बंधन में

यह कैसा रिश्ता है, यह कैसे सपने हैं

बेगाने हो कर भी क्यों लगते अपने है

मैं सोच में रहता हूँ, डर डर के कहता हूँ

तुम सोचोगी क्यों इतना मैं तुमसे प्यार करू

तुम समझोगी दीवाना, मैं भी इकरार करू

दीवानोकी ये बातें, दीवाने जानते हैं

जलने में क्या मजा है, परवाने जानते हैं

तुम यूँ ही जलाते रहना आ आकर ख्वाबों में

लुटे कोई मन का नगर, बनके मेरा साथी

लुटे कोई मन का नगर, बनके मेरा साथी

कौन है वो, अपनों में कभी, ऐसा कही होता है


ये तो बड़ा धोखा है
यही पे कही है, मेरे मन का चोर

नजर पड़े तो, बैय्या दू मरोड़


जाने दो, जैसे तुम प्यारे हो

वो भी मुझे प्यारा है, जीने का सहारा है

देखो जी, तुम्हारी यही बतिया

मुझको को है तड़पाती

रोग मेरे जी का, मेरे जी का चैन

सावला सा मुखडा, उस पे कारे नैन

ऐसे को, रोके अब कौन भला

दिल से जो प्यारी है, सजनी हमारी है

का करू मैं बीन उसके रह भी नहीं पाती

नीले गगन के तले,

नीले गगन के तले, धरती का प्यार पले


ऐसे ही जग में, आती हैं सुबहें, ऐसे ही शाम ढले


शबनम के मोती, फूलों पे बिखरे, दोनों की आस फले


नीले गगन के तले.. ..

बलखाती बेले, मस्ती में खेले, पेड़ों से मिल के गले

नीले गगन के तले.. ..



नदियाँ का पानी, दरियाँ से मिल के, सागर की ओर चले



नीले गगन के तले.. ..

Tuesday 29 September 2015

हिरवा निसर्ग हा भवतीने

हिरवा निसर्ग हा भवतीने
जीवन सफर करा मस्तीने
मन सरगम छेडा रे
जीवनाचे गीत गा रे, गीत गा रे धूंद व्हा रे

हिरवा निसर्ग हा भवतीने
जीवन सफर करा मस्तीने
मन सरगम छेडा रे
जीवनाचे गीत गा रे, गीत गा रे धूंद व्हा रे

नवे पंख पसरा, उंच उंच लहरा
नवे पंख पसरा, उंच उंच लहरा
भिरभिरणारे गीत गा रे, गीत गा रे धूंद व्हा रे

हिरवा निसर्ग हा भवतीने
जीवन सफर करा मस्तीने
मन सरगम छेडा रे
जीवनाचे गीत गा रे, गीत गा रे धूंद व्हा रे

गुलाबी हवा अशी मंद मंद वाहते
शराबी कळी अशी चिंब चिंब नाहते
गुलाबी हवा अशी मंद मंद वाहते
शराबी कळी अशी चिंब चिंब नाहते

सुगंधी फुलांना नशा आज आली
सडा शिंपिला हा जणू प्रीतीने

हिरवा निसर्ग हा भवतीने
जीवन सफर करा मस्तीने
मन सरगम छेडा रे
जीवनाचे गीत गा रे, गीत गा रे धूंद व्हा रे

नव्या संगीतातले तराणे नवे असे
कुणी सोबती मला मिळाया हवे असे

नव्या संगीतातले तराणे नवे असे
कुणी सोबती मला मिळाया हवे असे

जन्म हे जगावे, विश्व हे बघावे
एकरुप व्हावे संगसाथीने

हिरवा निसर्ग हा भवतीने
जीवन सफर करा मस्तीने
मन सरगम छेडा रे
जीवनाचे गीत गा रे, गीत गा रे धूंद व्हा रे

नवे पंख पसरा, उंच उंच लहरा
नवे पंख पसरा, उंच उंच लहरा
भिरभिरणारे गीत गा रे, गीत गा रे धूंद व्हा रे

हिरवा निसर्ग हा भवतीने
जीवन सफर करा मस्तीने
मन सरगम छेडा रे
जीवनाचे गीत गा रे, गीत गा रे धूंद व्हा रे

Thursday 20 August 2015

आंब्याचा केक

आंब्याचा केक

लागणारा वेळ: 
४५ मिनिटे
लागणारे जिन्नस: 
२ वाट्या रवा, १ वाटी साखर, पाऊण वाटी लोणी किंवा तूप , १ वाटी दही, १वाटी दूध, १ वाटी आंब्याचा पल्प्(फ्रेश किंवा कॅनमधला). १चमचा बेकिंग पावडर.
काजू बदाम बेदाणे हे सगळे ड्राय फ्रुट्स थोडे थोडे किंवा ऑप्शनल.
क्रमवार पाककृती: 
एका भांड्यात रवा घ्या. त्यात दही, दूध, साखर, लोणी/तूप सगळे जिन्नस नीट कालवून ठेवा. हे मिश्रण ४/५ तास झाकून ठेवा. ४/५ तासांनी करायच्या वेळी त्यात बेकिंग पावडर व आंब्याचा रस मिक्स करा. ड्राय फ्रुटस घालून चांगले मिक्स करा. ओव्हनच्या भांड्याला तुपाचा हात लावून त्यात हे मिश्रण ओता. प्रीहीटेड ओव्हनमध्ये १५० ते १८० तापमानाला ४० ते ४५ मिनिटे बेक करा. झाल्यावर सुरी किंवा विणकामाची सुई आत खुपसून पहा. जर स्वच्छ बाहेर आली तर समजा केक झाला.
वाढणी/प्रमाण: 
५/६जणांसाठी.
अधिक टिपा: 
१) याच केक मध्ये तुम्ही खूप व्हेरिएशन्स करू शकता. वरील मिश्रणात आंबा कॅन्सल करून (म्हणजे जर आंबा अव्हेलेबल नसेल तर) वेलदोडा जायफळ पूड घालून सिंपल प्लेन केक करू शकता.
२) आंब्याऐवजी फणसाचा पल्प घालू शकता. फणसाचा हा केक कोकणातल्या सांदण या पदार्थाच्या जवळपास जातो.
३) आंब्याऐवजी अननसाचे तुकडे घालू शकता. पण अननस कच्चा वापरू नये. अननसाच्या बारीक फोडी थोडी साखर घालून मंद गॅसवर एक उकळी काढावी व नंतर या थोड्या शिजलेल्या फोडी व थोडा ३/४ चमचे पाकही तुम्ही घालू शकता. फक्त पाकाच्या प्रमाणात साखर थोडी कमी करावी. थोडा पाइनॅपल एसेन्सही घालावा. हा अननस केक सुद्धा अप्रतीम होतो.
४) मिश्रण झाकून ठेवण्याचा वेळ सीझन प्रमाणे बदलेल.
करून पहा व कळवा.


Tuesday 16 June 2015

दिवस तुझे हे फुलायचे

दिवस तुझे हे फुलायचे
झोपाळ्यावाचून झुलायचे

स्वप्नात गुंगत जाणे, वाटेत भेटते गाणे
गाण्यात हृदय झुरायचे

मोजावी नभाची खोली, घालावी शपथ ओली
श्वासात चांदणे भरायचे

थरारे कोवळी तार, सोसेना सुरांचा भार
फुलांनी जखमी करायचे

माझ्या या घराच्या पाशी, थांब तू गडे जराशी
पापण्या मिटून भुलायचे

भातुकलीच्या खेळामधली राजा आणिक राणी

भातुकलीच्या खेळामधली राजा आणिक राणी
अर्ध्यावरती डाव मोडला, अधूरी एक कहाणी

राजा वदला मला समजली, शब्दावाचून भाषा
माझ्या नशिबासवे बोलती, तुझ्या हातच्या रेषा
का राणीच्या डोळा तेव्हा दाटूनी आले पाणी

राणी वदली बघत एकटक, दूरदूरचा तारा
उद्या पहाटे दुसऱ्या वाटा, दुज्या गावचा वारा
पण राजाला उशिरा कळली, गूढ अटळ ही वाणी

तिला विचारी राजा का हे जीव असे जोडावे
का दैवाने फुलण्याआधी, फुल असे तोडावे
या प्रश्नाला उत्तर नव्हते राणी केविलवाणी

का राणीने मिटले डोळे, दूरदूर जाताना
का राजाचा श्वास कोंडला, गीत तिचे गाताना
वार्‍यावरती विरुन गेली, एक उदास विराणी

Monday 8 June 2015

रेशमाच्या रेघांनी, लाल काळ्या धाग्यांनी

रेशमाच्या रेघांनी, लाल काळ्या धाग्यांनी
कर्नाटकी कशिदा मी काढीला
हात नगा लावू माझ्या साडीला !

नवी कोरी साडी लाखमोलाची
भरली मी नक्षी फूलयेलाची
गुंफियलं राघूमोर, राघूमोर जोडीला
हात नगा लावू माझ्या साडीला !

जात होते वाटंनं मी तोर्‍यात
अवचित आला माझ्या होर्‍यात
तुम्ही माझ्या पदराचा शेव का हो ओढीला ?
हात नगा लावू माझ्या साडीला !

भीड काही ठेवा आल्यागेल्याची
मुरवत राखा दहा डोळ्यांची
काय म्हणू बाई बाई, तुमच्या या खोडीला
हात नगा लावू माझ्या साडीला !

रुपेरी वाळूत, माडांच्या बनात ये ना

रुपेरी वाळूत, माडांच्या बनात ये ना
बनात ये ना, जवळ घे ना
चंदेरी चाहूल, लावित प्रीतीत ये ना
प्रीतीत ये ना, जवळ घे ना

बेधुंद आज आसमंत सारा
कुंजात गात मंद धुंद वारा
दाटे उरी प्रिया तुझा इशारा
देहावरी फुले असा शहारा
तुझा इशारा, असा शहारा

लाजेत आज ही फुले नहाती
गाली अनार प्रीतगीत गाती
तू ये निशा अशी करे पुकारा
दे ये प्रिया मला तुझा निवारा
तुझा निवारा, तुझा निवारा

प्रीतिचं झुळझुळ पाणी

प्रीतिचं झुळझुळ पाणी
वार्‍याची मंजुळ गाणी
रोमांची सर्वांगी गेले मी न्हाऊनी

हा जीव वेडा होई थोडा थोडा
वेड्या मनाचा बेफाम घोडा
दौडत आला सखे तुझा बंदा
चल प्रेमाचा रंगु दे विडा
साजणा मी तुझी कामिनी

मी धुंद झाले मनमोर डोले
पिसार्‍यातून हे खुणावित डोळे
डोळ्यांत जाळे, खुळी मीच झाले
स्वप्‍नफुलोरा मनात झुले
मी तुझा हंस ग मानिनी

ही तान नाचे आसावरीची
मांडी नव्हे ही कुशी सावरीची
सोबत लाभे मला ही परीची
किती स्वाद घेऊ ? सरे ना रुचि
साजणा वेळ का मीलनी

मन उधाण वार्‍याचे,

मायेच्या हळव्या स्पर्शाने खुलते,
नात्यांच्या बंधात धुंद मोहरते
मन उधाण वार्‍याचे, गूज पावसाचे,
का होते बेभान, कसे गहिवरते !

आकाशी स्वप्‍नांच्या हरपून भान शिरते,
हुरहुरत्या सांजेला कधी एकटेच झुरते
सावरते, बावरते, घडते, अडखळते का पडते ?
कधी आशेच्या हिंदोळ्यावर मन हे वेडे झुलते
मन तरंग होऊन पाण्यावरती फिरते
अन्‌ क्षणात फिरुनी आभाळाला भिडते !
मन उधाण वार्‍याचे, गूज पावसाचे,
का होते बेभान, कसे गहिवरते !

रुणझुणते, गुणगुणते, कधी गुंतते, हरवते,
कधी गहिर्‍या डोळ्यांच्या डोहात पार बुडते
तळमळते सारखे बापडे नकळत का भरकटते ?
कधी मोहाच्या चार क्षणांना मन हे वेडे भुलते !
जाणते जरी हे पुन्हापुन्हा का चुकते ?
भाबडे तरी भासांच्या मागून पळते !
मन उधाण वार्‍याचे, गूज पावसाचे,
का होते बेभान, कसे गहिवरते !

मल्हारवारी मोतियाने द्यावी भरून

मल्हारवारी मोतियाने द्यावी भरून
न्हाई तर द्येवा, द्येवा मी जातो दुरून

ओढ लावती अशी जिवाला, गावाकडची माती
साद घालती पुन्हा नव्याने ती रक्‍ताची नाती

गड जेजुरीचे आम्ही रहिवासी
देवाचा झेंडा वळखला दुरून

जय गणपती गुणपती गजवदना

स्वस्तिश्री गणनायकं गजमुखं मोरेश्वर सिद्धीदम्‌
बल्लाळं मुरुडं विनायकं मढं चिंतामणी थेवरम्‌
लेण्यांद्रिं गिरिजात्मजं सुवरदंविघ्‍नेश्वरं ओझरम्‌
ग्रामोरांजण स्वस्थित: गणपती कुर्यात्‌ सदा मंगलम्‌

जय गणपती गुणपती गजवदना
आज तुझी पूजा देवा गौरीनंदना
कुडी झाली देऊळ छान काळजात सिंहासन
काळजात सिंहासन मधोमधी गजानन
दोहीकडे रिद्धिसिद्धि उभ्या ललना

अष्टविनायका तुझा महिमा कसा
दर्शनाचा लाभ घ्यावा भक्‍तांनी असा

गणपती, पहिला गणपती
मोरगावचा मोरेश्वर लई मोठं मंदिर
अकरा पायरी हो अकरा पायरी हो
नंदी कासव सभामंडपी नक्षी सुंदर
शोभा साजरी हो शोभा साजरी हो
मोरया गोसाव्यानं घेतला वसा

गणपती, दुसरा गणपती
थेऊर गावचा चिंतामणी
कहाणी त्याची लई लई जुनी
काय सांगू डाव्या सोंड्याचं नवाल केलं सार्‍यांनी
विस्तार त्याचा केला थोरल्या पेशव्यांनी
रमा बाईला अमर केलं वृंदावनी
जो चिंता हरतो मनातली चिंतामणी
भगताच्या मनी त्याचा अजूनी ठसा

गणपती, तिसरा गणपती
सिद्धिविनायका तुझा सिद्धटेक गाव रं
पायावरी डोई तुझ्या भगताला पाव रं
दैत्य मधु कैटभानं गांजलं हे नगर
ईष्नुनारायण गाई गणपतीचा मंतर
राकूस मेलं नवाल झालं टेकावरी देऊळ आलं
लांबरुंद गाभार्‍याला पितळेचं मखर
चंद्र सूर्य गरुडाची भोवती कलाकुसर
मंडपात आरतीला खुशाल बसा

गणपती, चौथा गणपती
पायी रांजणगावचा देव महागणपती
दहा तोंड हिचं हात जणू मूर्तीला म्हणती
गजा घालितो आसन डोळं भरुन दर्शन
सूर्य फेकी मूर्तीभर वेळ साधून किरण
किती गुणगान गावं किती करावी गणती
पुण्याईचं दान घ्यावं ओंजळ पसा

गणपती, पाचवा गणपती
ओझरचा इघ्‍नेश्वर लांब रुंद होई मूर्ती
जड जवाहीर त्याचं काय सांगू शिरीमंती
डोळ्यामंदी माणकं हो हिरा शोभतो कपाळा
तहानभूक हरपती हो सारा बघून सोहळा
चारी बाजू तटबंदी मधी गणाचं मंदिर
इघ्‍नहारी इघ्‍नहर्ता स्वयंभू जसा

गणपती, सहावा गणपती
लेण्याद्री डोंगरावरी नदीच्या तीरी
गणाची स्वारी तयार गिरिजात्मक हे नाव
दगडामंदी कोरलाय्‌ भक्‍तिभाव
रमती इथे रंका संगती राव
शिवनेरी गडावर जल्म शिवाचा झाला हो
लेण्याद्री गणानी पाठी आशीर्वाद केला हो
पुत्राने पित्याला जन्माचा प्रसाद दिला हो
किरपेने गणाच्या शिवबा धाऊनी आला हो
खडकात केले खोदकाम दगडात मंडपी खांब
वाघ सिंह हत्ती लई मोठं दगडात भव्य मुखवट
गणेश माझा पुत्र असावा ध्यास पार्वतीचा
आणि गिरिजात्मज हा तिनं बनवला पुतळा मातीचा
दगडमाती रुपदेवाचं लेण्याद्री जसा

सातवा गणपती राया
महड गावाची महसूर वरदविनायकाचं तिथं एक मंदिर
मंदिर लई सादसूद जसं कौलारू घर
घुमटाचा कळस सोनेरी नक्षी नागाची कळसाच्यावर
सपनात भक्‍ताला कळं देवळाच्या मागं आहे तळं
मूर्ती गणाची पाण्यात मिळं त्यानी बांधलं तिथं देऊळ
दगडी महिरप सिंहासनी या प्रसन्‍न मंगलमूर्ती हो
वरदानाला विनायकाची पूजा कराया येती हो
चतुर्थीला गर्दी होई रात्रंदिवसा

आठवा आठवा गणपती आठवा
पाली गावच्या बल्लाळेश्वरा आदिदेव तू बुद्धीसागरा
स्वयंभू मूर्ती पूर्वाभिमूख सूर्यनारायण करी कौतुक
डाव्या सोंडेचे रूप साजिरे कपाळ विशाळ डोळ्यात हिरे
चिरेबंद या भक्कम भिंती देवाच्या भक्‍तीला कशाची भीती
ब्रह्मानंदी जीव होई वेडा की पिसा

मोरया मोरया मंगलमूर्ती, मोरया मोरया मयूरेश्वरा मोरया
मोरया मोरया चिंतामणी मोरया, मोरया मोरया सिद्धिविनायक मोरया
मोरया मोरया महागणपती मोरया, मोरया मोरया विघ्‍नेश्वरा मोरया
मोरया मोरया गिरिजात्मजा मोरया, मोरया मोरया वरदविनायक मोरया
मोरया मोरया बल्लाळेश्वर मोरया, मोरया मोरया अष्टविनायक मोरया

अ आ आई, म म मका मी तुझा मामा दे मला मुका

अ आ आई, म म मका
मी तुझा मामा दे मला मुका

प प पतंग आभाळात उडे
ढ ढ ढगांत चांदोमामा दडे
घ घ घड्याळ, थ थ थवा
बाळ जरी खट्याळ, तरी मला हवा

ह ह हम्मा गोड दूध देते
च च चिऊ अंगणात येते
भ भ भटजी, स स ससा
मांडीवर बसा नि खुदकन हसा

क क कमळ पाण्यावर डुले
ब ब बदक तुरुतुरु चाले
ग ग गाडी झुक झुक जाई
बाळ माझे कसे गोड गाणे गाई

खरा तो एकची धर्म जगाला प्रेम अर्पावे

खरा तो एकची धर्म जगाला प्रेम अर्पावे

जगी जे हीन अतिपतित, जगी जे दीन पददलित
तया जाऊन उठवावे, जगाला प्रेम अर्पावे

जयांना ना कोणी जगती सदा ते अंतरी रडती
तया जाऊन सुखवावे, जगाला प्रेम अर्पावे

समस्तां धीर तो द्यावा, सुखाचा शब्द बोलावा
अनाथा साह्य ते द्यावे, जगाला प्रेम अर्पावे

सदा जे आर्त अतिविकल, जयांना गांजती सकल
तया जाऊन हसवावे, जगाला प्रेम अर्पावे

कुणा ना व्यर्थ शिणवावे, कुणा ना व्यर्थ हिणवावे
समस्तां बंधु मानावे, जगाला प्रेम अर्पावे

प्रभूची लेकरे सारी तयाला सर्वही प्यारी
कुणा ना तुच्छ लेखावे, जगाला प्रेम अर्पावे

असे जे आपणापाशी असे, जे वित्त वा विद्या
सदा ते देतची जावे, जगाला प्रेम अर्पावे

भरावा मोद विश्वात असावे सौख्य जगतात
सदा हे ध्येय पूजावे, जगाला प्रेम अर्पावे

असे हे सार धर्माचे असे हे सार सत्याचे
परार्थी प्राणही द्यावे, जगाला प्रेम अर्पावे

जयाला धर्म तो प्यारा, जयाला देव तो प्यारा
त्याने प्रेममय व्हावे, जगाला प्रेम अर्पावे

Saturday 6 June 2015

ऋतुराज आज वनि आला,

ऋतुराज आज वनि आला, ऋतुराज आज वनि आला !
नव सुमनांचा, नव कलिकांचा बहर घेऊनी आला !

कुंज कुंज अलि-पुंज गुंजने बघ झंकारित झाला !
सुरस रागिणी नव प्रणयाची कोकिळ छेडत आला !
नवथर सुंदर शीतल निर्झर त्यात रंगुनी गेला !

pratham tula vandito

प्रथम तुला वंदितो कृपाळा, गजानना, गणराया 

विघ्नविनाशक, गुणिजन पालक, दुरित तिमिर हारका
सुखकारक तू, दुःख विदारक, तूच तुझ्यासारखा
वक्रतुंड ब्रम्हांडनायका, विनायका प्रभुराया

सिद्धिविनायक तूच अनंता, शिवात्मजा मंगला
सिंदूर वदना, विद्याधिशा, गणाधिपा वत्सला
तुच ईश्वरा साह्य करावे, हा भवसिंधु तराया 

गजवदना तव रूप मनोहर, शुक्लांबर शिवसुता
चिन्तामणी तू अष्टविनायक, सकलांची देवता
रिद्धि सिद्धीच्या वरा, दयाळा  देई कृपेची छाया

Friday 17 April 2015

आइस्क्रीम

नॅचरल्स आइस्क्रीम आता घरच्या घरी

लागणारा वेळ: १० तास

लागणारे जिन्नस: 
साहित्यः
दुध - १ वाटी/कप
साय/फ्रेश क्रिम - १ वाटी/कप
दुध पावडर (nestle everyday) - १ वाटी/कप
आवडत्या फळाचा गर/पल्प - १ वाटी/कप
साखर - चवीनुसार
क्रमवार पाककृती: 
वरील सर्व जिन्नस (साखर सोडुन) मिक्सरमध्ये एकत्र करुन फिरवुन घ्यावे. हे मिश्रण साधारण इडलीच्या मिश्रणासारखे सरबरीत असावे. (जास्त पातळ नाही, जास्त घट्टही नाही) झालेल्या मिश्रणाची चव घेउन बघावी व आवश्यकता वाटल्यास त्यात साखर घालावी. नंतर तयार मिश्रण भांड्यात काढुन डीप फ्रिजमध्ये सेट होण्यास ठेवावे. फ्रिजचे कुलींग थोडे वाढवावे. साधारणतः दुपारी सेट करायला ठेवल्यास रात्रीच्या जेवणानंतर खाता येते.
वैशिष्ट्य : पूर्ण कृतीमध्ये पाण्याचा वापर अजिबात नसल्याने आइस्क्रीममध्ये बर्फाचे खडे होत नाहित व चव अगदी नॅचरल्सचे आइस्क्रीम्स खाल्ल्यासारखी लागते.
अधिक टिपा: 
टिप : फळाच्या गरामध्ये पाण्याचा अंश असलेली फळे (संत्र, मोसंब, कलिंगड इ.) घेउ नयेत. घट्ट गराची फळे (आंबा, सीताफळ, चिकु, स्ट्रॉबेरी, पपई) घ्यावीत.

केक

 केक


क्रमवार पाककृती: 
कृती: हाईड & सिक ची अणि पारले जी ची बिक्सिटे एकत्र करुन मिक्सरमधून बारीक करुन घ्यावित.
आठ चमचे साखर घालून मिक्स करावीत आणि इनो सॉल्ट त्यावर टाकावे. खाण्याचा सोडा असेल तर तो चहाचा एक चमचा अथवा पोह्यांचा अर्धा चमचा या प्रमाणात टाकावा. त्या नंतर दूध घालत हळूहळू हाताने ढवळावे. बिस्किटात चॉकलेट असल्याने हे मिश्रण जरा चिकट होते. खूप वेळ ढवळू नये. इनोचे मिश्रण थोडेसे फसफसते.(खूप नाही)
केकच्या भांड्याला आतून तूप लावून हे मिश्रण तव्यावर ठेऊन अर्धा तास गॅसवर अगदी मंद आचेवर ठेवावे. अगदी छान स्पाँजी चॉकलेट केक तयार होतो. स्मित